Thursday 3 November 2022

दिल की बात: हार्ट अटैक - रेड मीट का सेवन तथा हमारी आँतों के जीवाणुओं के बीच का संबंध!


हृदय की धमनियों में रुकावट से होने वाले रोग (arteriosclerosis) और पशुओं के लाल मांस के सेवन के बीच का संबंध कई दशकों से विवादास्पद बना हुआ हैं। मगर पिछले कुछ वर्षों में, आधुनिक जीवविज्ञान ने हृदयरोगों के सबंध में जानकारी दी है कि लंबे समय तक से रेड मीट (लाल मांस) को खाने से व्यक्ति को हृदय रोग का ख़तरा सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है। मगर अब एक नयी जानकारी प्रकाश में आयी है जो बताती है कि हमारी आँतों में प्राकृतिक रूप से रहने वाले बैक्टीरिया (जीवाणु) तथा होने वाले हृदयरोगों के बीच एक घनिष्ठ संबंध है। नए वैज्ञानिक सबूत बताते हैं कि जब लोग रेड मीट (लाल मांस) खाते हैं तो आंत के बैक्टीरिया (जीवाणु) द्वारा रेड मीट (लाल मांस) को पचाने की अंतिम पायदान पर बनाए गए उत्पाद इस जोखिम में योगदान करते हैं।

हैं ना यह बड़ी अजीब सी लगने वाली बात?

मगर सच यह है कि 1989 से 2002 तक चलने वाले इस अध्ययन में, 65 और उससे अधिक उम्र के लगभग 4,000 से अधिक लोगों से जुटाए आँकड़े, इसी ओर इशारा कर रहे हैं। एक दशक से भी अधिक समय तक चलने वाले इस अध्ययन में यही भी संकेत मिला की मछली, मुर्गी का मांस और अंडे हृदय रोग के जोखिम को प्रभावित नहीं करते हैं! लेकिन रोज़ाना रेड मीट (लाल मांस) का सेवन हृदय रोग के जोखिम को  22% अधिक बढ़ा देता है।

इस अतिरिक्त जोखिम का कारण भी पता लगा। यह इन लोगों की आँतों में बनने वाले 3 महत्वपूर्ण मेटाबोलाइट्स (चय-अपचय पदार्थ) के खून में बढ़े हुए स्तर के कारण था। ये पदार्थ हैं, आंत के माइक्रोबायोटा द्वारा पाचन क्रिया के दौरान पैदा हुए - ट्राइमेथाइलमाइन एन-ऑक्साइड (TMAO), तथा एल-कार्निटाइन (L-carnitine) के पाचन की प्रक्रिया से उत्पन्न मध्यवर्ती मेटाबोलाइट्स (चय-अपचय पदार्थ) जैसे कि गामा-ब्यूटिरोबेटाइन (L-gamma-butyrobetaine), और क्रोटोनोबेटाइन (γ-butyrobetaine) । 

यह तो रही अगस्त 2022 में मिली एक आधिकारिक वैज्ञानिक जानकारी। आगे आप सोचिए कि आपको क्या ख़ाना चाहिए और क्या नहीं!


Ref: Arteriosclerosis, Thrombosis, and Vascular Biology. 2022;42:e273–e288


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