कैल्शियम और सोडियम की तरह, पोटेशियम एक खनिज है जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। आपके आहार में पोटेशियम की सही मात्रा होने से ना केवल आप स्वस्थ रहते हैं बल्कि आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए यह एक अत्यावश्यक खनिज भी है, इसलिए पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों को प्रयाप्त मात्रा में अपने भोजन में शामिल करना सभी के लिये ज़रूरी है।
महिलाओं को हर दिन 2,600 मिलीग्राम और पुरुषों को 3,400 मिलीग्राम पोटेशियम मिलना चाहिए, मगर आधुनिक आहार लेने वाले अधिकांश लोगों को अपने आहार में पर्याप्त पोटेशियम नहीं मिलता है। वैज्ञानिक अध्ययनों से जानकारी मिलती है कि कम सोडियम सेवन के साथ मैग्नीशियम और पोटेशियम की अधिकता वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बीपी को कम करने में काफ़ी प्रभावी होता है और हाई BP के इलाज में एक BP कम करने वाली दवा के समान काम करता है। मैग्नीशियम का मात्र 500 से 1000 mg प्रतिदिन सेवन रक्तचाप (BP) को 5.6 / 2.8 mmHg तक कम कर सकता है। यह भी देखा गया है, हाई BP के मरीज़ जो BP की दवाएँ ले रहे हैं यदि मैग्नीशियम की अधिकता वाले भोजन लेते हैं तो उनमे उच्चरक्तचापरोधी दवायें अधिक प्रभावी हो जाती हैं।
हालाँकि दूसरे हृदय रोग जैसे हार्ट-अटैक (कोरोनरी हृदय रोग) और ब्रेन-अटैक (इस्केमिक स्ट्रोक), और हृदय की धड़कन की अनियमितता से रोका या इलाज किया जाने का प्रश्न अभी शोध का विषय है मगर प्रारंभिक साक्ष्य यह अच्छी तरह से साबित करते हैं कि भोजन में प्राकृतिक मैग्नीशियम की मात्रा में वृद्धि से इंसुलिन संवेदनशीलता(insulin sensitivity), हाइपरग्लेसेमिया (high blood sugar), मधुमेह (diabetes), हृदय की माँसपेशियों का मोटा हो जाना (left ventricular hypertrophy), और डिस्लिपिडेमिया (खून में गंदे कोलेस्ट्रॉल की अधिकता) में सुधार होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार इसका कारण हमारी कोशिकाओं के भीतर सोडियम और कैल्शियम की मात्रा को कम करके उनके बजाये मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा को बढ़ाने के साथ ही इसका प्राकृतिक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (बीपी कम करने की एक महत्वपूर्ण दवा) के रूप में काम करना, धमनियों को शिथिल करने वाले प्राकृतिक नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाने की वजह से सुधार होता है।
पोटेशियम की अधिकता वाले भोजन
सामान्यत: आप ऐसी कई चीज़ें खाते हैं जिनमे पोटेशियम भी होता है। मगर यदि आपको अपने आहार में पोटेशियम की मात्रा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, तो अपने खाने में नीचे दी गई सूची से चुनकर भोजन में शामिल करना चाहिए। अधिक पोटेशियम वाले खाद्य को चुनने के लिए कुछ सरल उपाय ताजे फल और सब्जियां है:
ताजे फल
केले, संतरे, कैंटालूप, खुबानी, अंगूर (सूखे फल, जैसे प्रून, किशमिश और खजूर), पत्तेदार साग जैसे पालक आदि, ब्रोकोली, आलू, शकरकंद, मशरूम, मटर, खीरे, ज़ूकीनी, कद्दू आदि
फलियाँ (Beans)
जैसे लीमा बीन्स, पिंटो बीन्स, राजमा, सोयाबीन, मसूर आदि भी पोटैशियम का एक स्रोत हैं
ताज़ा फलों के रस
जैसे संतरे का रस, टमाटर का रस, प्रून जूस, खुबानी का रस, तरबूज़ और अंगूर का रस आदि में काफ़ी अच्छी मात्रा में पोटेशियम होता है।
वसा मुक्त डेयरी उत्पाद
जैसे दूध और दही, मछलियों (टूना, हालिबट, कॉड, ट्राउट, रॉकफिश) में भी पोटेशियम में अच्छी मात्रा में होता।
और अंत में जानिए
किडनी के मरीज़ों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
यदि आपके गुर्दे (किडनी) की बीमारी है और ठीक तरह से काम नहीं करते हैं, तो आपकी पोटैशियम की ज़रूरतें कम होगी क्योंकि किडनी के मरीजों की पेशाब में कम मात्रा में शरीर के बाहर जाता है और इसलिए आपके शरीर में पोटेशियम की आवश्यकता से अधिक लेवल हो सकता है। इस कारण से, गुर्दे की बीमारी वाले लोगों अपने भोजन में ऊपर दिये गये भोजन को अधिक मात्र में लेने से पहले, अपने डाक्टर से सलाह करना बहुत ज़रूरी है। अमरीका में 2020 से, सभी पैकेट में आने वाले खाद्य पदार्थों में पोटैशियम की कितनी मात्रा है बताना आवश्यक किया गया है मगर भारत में ऐसा नहीं है। हमारे देश में बहुत कम पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के लेबल पर पोटैशियम की मात्रा लिखी होती है इसलिए भी आवश्यक है कि किडनी के बीमारी वाले मरीज़, अपने डाक्टर से सलाह ज़रूर लें।